आज के इस आर्टिकल में हम आपको रात्रि आकाश के बारे में बताएंगे और साथ ही बात करेंगे कि खगोल शास्त्री किस प्रकार ब्रह्मांड के बारे में जानकारी एकत्रित करते हैं तो सबसे पहले जानते हैं रात्रि आकाश क्या है
रात्रि आकाश के बारे में जानकारी
क्या आपने कभी स्पष्ट चंद्रमा भी रात्रि मैं बाहर जाकर तारों को देखा है सैकड़ों संभवत हजारों तारे आसमान में बिखरते रहते हैं और काफी प्यारा लगता है यह सब देखकर इनमें से प्रत्येक चमकता तारा वास्तव में एक सूर्य है
जोकि गरम, चमकदार गैस का विशाल घेरा है इनमें से अनेक सूर हमारे अपने सूर्य से कई बड़े तथा चमकदार होते हैं लेकिन बहुत ही अच्छी दृष्टि वाला व्यक्ति भी संपूर्ण ब्रह्मांड में सिर्फ तारों के छोटे अंश को ही देख सकता है
खगोलशास्त्री किस प्रकार ब्रह्मांड के बारे में जानकारी एकत्रित करते है?
आपने ब्रह्मांड के बारे में बहुत सी जानकारी पड़ी होगी लेकिन आपको क्या यह पता है कि खगोल शास्त्री कैसे ब्रह्मांड के बारे में जानकारी पता कर लेते हैं आइए जानते हैं अब
आकाश में प्रकाश एकत्रित करना खगोल शास्त्रियों का ब्रह्मांड के बारे में सूचना प्राप्त करने का प्रमुख स्रोत होता है सूर्य के अतिरिक्त अधिकांश सभी खगोलीय पिंड बहुत दूर स्थित है तथा अपेक्षाकृत दिखाई पड़ते हैं दूरबीन जितना संभव हो सकता है उतना एकत्रित करती है जितना अधिक प्रकाशित करती है उतनी ही ज्यादा जानकारी यह हम सब तक पहुंचा सकती है
- दूरबीन दो प्रकार होती है एक परावर्तन में प्रकाशित द्वारा ग्रहण किया जाता है तथा अपवर्तक में लेंस का प्रयोग किया जाता है
अधिकांश आधुनिक दूरबीन ए परावर्तक होती हैं जिनके सी से कई मीटर व्यास के होते हैं और भी बहुत दूर पहाड़ियों की चोटी पर निचले वायुमंडल में गतिशील वायु के कारण होने वाले व्यवधान से काफी उपस्थित होते हैं
आशा करता हूं आप सभी को समझ में आ गया होगा कि रात्रि आकाश क्या है और खगोल शास्त्री किस प्रकार से ब्रह्मांड की जानकारी एकत्रित करते हैं