कानपुर, 24 दिसंबर 2025 — भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर एक बार फिर देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपना दबदबा कायम करते हुए सुर्खियों में छाया हुआ है।
वर्ष 2025 में ‘द बेटर इंडिया’ संस्थान द्वारा जारी देश के टॉप-10 स्टार्टअप्स की सूची में IIT कानपुर से जुड़े तीन स्टार्टअप्स ने अपनी मजबूत जगह बनाई है। यह उपलब्धि न केवल संस्थान के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह साबित करती है कि आईआईटी कानपुर का स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) अब देश का सबसे मजबूत इनोवेशन हब बन चुका है।
तीन स्टार्टअप्स जो बना रहे इतिहास
ये तीनों स्टार्टअप्स समाज से जुड़ी बड़ी समस्याओं का समाधान करने पर फोकस कर रहे हैं। इनमें स्वास्थ्य, पर्यावरण, मजदूरों की आजीविका और किफायती मेडिकल डिवाइस जैसे क्षेत्र शामिल हैं:
- एयर्थ (AIRTH) हवा से प्रदूषण हटाने वाला एक सरल मॉड्यूल जो सामान्य स्प्लिट AC में फिट हो जाता है। यह 0.3 माइक्रॉन तक के प्रदूषक हटाता है। फाउंडर रवि कौशिक ने IIT कानपुर और IISc बेंगलुरु की टीम के साथ इसे विकसित किया।
- लेबर चौक (Labour Chowk) कोरोना काल में शुरू हुआ यह स्टार्टअप मजदूरों को उनके ही इलाके में रोजगार दिलाने का काम करता है। फाउंडर चंद्रशेखर मंडल ने MNC की नौकरी छोड़कर इसे शुरू किया। अब यह 1.25 लाख से अधिक मजदूरों की जिंदगी संवार चुका है।
- इनक्रिडिबल डिवाइस (Incredible Device) फाउंडर विक्रम गोयल ने महंगे कैथेटर को दोबारा इस्तेमाल करने वाली री-प्रोसेसिंग मशीन बनाई। इसकी कीमत सिर्फ 10 रुपये तक आएगी। यह मरीजों के लिए बहुत बड़ी राहत है।
ये तीनों स्टार्टअप्स स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी काम कर रहे हैं। द बेटर इंडिया ने इनकी सामाजिक प्रभावशालीता और स्केलेबिलिटी को देखते हुए इन्हें टॉप-10 में शामिल किया।
SIIC का कमाल: IIT कानपुर का स्टार्टअप इंजन
IIT कानपुर का स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) देश के सबसे सफल इनक्यूबेटर्स में से एक है।
- 500+ स्टार्टअप्स को सपोर्ट किया जा चुका है।
- 150+ महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स।
- 10,800+ नौकरियां सृजित (22 राज्यों में)।
- कुल वैल्यूएशन: लगभग 12,000 करोड़ रुपये।
SIIC की यह उपलब्धि मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ पूरी तरह संरेखित है।
संस्थान के अधिकारियों का बयान
दीपू फिलिप (SIIC के प्रमुख) ने कहा: “ये तीनों स्टार्टअप्स समाज के बड़े वर्गों के लिए लाभकारी तकनीकें विकसित कर रहे हैं। यह IIT कानपुर के लिए गर्व का क्षण है कि हमारे इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स न सिर्फ देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।”
क्यों है यह ऐतिहासिक?
IIT कानपुर का SIIC अब देश का पावरहाउस बन चुका है। 2025 में टॉप-10 स्टार्टअप्स में तीन का होना साबित करता है कि यहां से निकलने वाली इनोवेशन न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत है, बल्कि समाज को बदलने की ताकत भी रखती है। यह उपलब्धि कानपुर शहर और पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
अगर ये स्टार्टअप्स आगे बढ़ते रहे तो आने वाले सालों में भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में IIT कानपुर का नाम और ऊंचा होगा।
